Monday, 7 June 2021

तुम्हारा होना

 तुम्हारा होना 

जैसे वक़्त की पीठ पर हस्ताक्षर

शाश्वत।

जाना तुम्हारा

पर बीतना नहीं,

एक अंतर्भूत एहसास।

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