aawaz
Wednesday, 9 March 2022
जेल की बात
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अपनी नौकरी की शुरुआत में SDM के तौर पर या कुछ वर्ष पूर्व तक जिलाधिकारी के रूप में भी जब जेल में छापेमारी के लिए जाता था तो मोबाइल और सिम का...
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Tuesday, 8 March 2022
सशक्तिकरण की बात महिला दिवस पर
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बग़ैर शोर शराबे के सतह पर हो रहे महिला सशक्तिकरण की बानगी देखनी हो तो बिहार आइए। विगत लगभग डेढ़ दशक में जीविका के माध्यम से आर्थिक-सामाजिक ...
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Thursday, 24 February 2022
हासिल
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17 फ़रवरी, 2022 को दिल्ली में सड़क दुर्घटना में पूर्णिया के एक आदमी की मृत्यु होती है। 21 फ़रवरी को उसके परिवार और गाँव वाले कार्यालय आकर ब...
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Monday, 10 January 2022
रवींद्र कालिया
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रवीन्द्र कालिया जी नहीं रहे। गत् वर्ष पटना कथा समारोह में पहली एवं आख़िरी मुलाक़ात हुई थी। उनकी लेखनी की प्रवाहमयता से जितना प्रभावित था, उ...
Tuesday, 28 December 2021
तक़रीबन साझा
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प्रेम में साझा होता है, सब कुछ, तक़रीबन। साझी होती हैं स्मृतियाँ, सपने, सुख, शिद्दत, आतुरता। साझी है वह डोर भी टिका है जिस पर सम्पूर्ण त...
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Sunday, 3 October 2021
किताबें:- महत्व, प्रभाव और अभियान किताब दान
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किताबें सभ्यता में घटित होने वाली सबसे मानीखेज़ घटना मानी जा सकती हैं । सृजनात्मक यात्रा , भविष्य की उम्मीद , अतीत की स्मृति , स्मृति...
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Tuesday, 28 September 2021
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बारिश में धुल जाती हैं चीजें धुंधली यादों का परदा संदेह के बादल निर्णय का द्वंद्व सब खुल जाता है, बचता है ख़ालिस उजास।
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