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Thursday, 24 February 2022

हासिल

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 17 फ़रवरी, 2022 को दिल्ली में सड़क दुर्घटना में पूर्णिया के एक आदमी की मृत्यु होती है। 21 फ़रवरी को उसके परिवार और गाँव वाले कार्यालय आकर ब...
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Monday, 10 January 2022

रवींद्र कालिया

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 रवीन्द्र कालिया जी नहीं रहे। गत् वर्ष पटना कथा समारोह में पहली एवं आख़िरी मुलाक़ात हुई थी। उनकी लेखनी की प्रवाहमयता से जितना प्रभावित था, उ...
Tuesday, 28 December 2021

तक़रीबन साझा

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 प्रेम में साझा होता है, सब कुछ,  तक़रीबन। साझी होती हैं स्मृतियाँ, सपने, सुख, शिद्दत, आतुरता। साझी है वह डोर भी  टिका है जिस पर  सम्पूर्ण त...
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Sunday, 3 October 2021

किताबें:- महत्व, प्रभाव और अभियान किताब दान

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  किताबें  सभ्यता में घटित होने वाली सबसे मानीखेज़ घटना मानी जा सकती  हैं  । सृजनात्मक यात्रा ,  भविष्य की उम्मीद ,  अतीत की स्मृति ,  स्मृति...
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Tuesday, 28 September 2021

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  बारिश में धुल जाती हैं चीजें धुंधली यादों का परदा  संदेह के बादल निर्णय का द्वंद्व सब खुल जाता है, बचता है ख़ालिस उजास। 
Sunday, 19 September 2021

Newton: Movie review

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‪Newton एक आख्यान है- अंतिम व्यक्ति के लिए लोकतंत्र के अर्थ का, बिना Loud हुए सिनेमाई ताक़त का, विचारधारा को impose करने के युग में विचारधार...
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हिंदी कहानी की एक सदी (1915-2015): पाठकीय अपेक्षा एवं पड़ताल

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  कहानी की पाठकीय अपेक्षा का प्रश्न अपनी जातस्थिति में अस्तित्त्वमूलक है ,  क्योंकि कहानी स्वयं पाठकीय अपेक्षा की परिणति है। कहानी लेखक के घ...
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IAS 2011. Currently working as Special Secretary, Finance Department, Govt of Bihar
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