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Tuesday, 28 September 2021

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  बारिश में धुल जाती हैं चीजें धुंधली यादों का परदा  संदेह के बादल निर्णय का द्वंद्व सब खुल जाता है, बचता है ख़ालिस उजास। 
Sunday, 19 September 2021

Newton: Movie review

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‪Newton एक आख्यान है- अंतिम व्यक्ति के लिए लोकतंत्र के अर्थ का, बिना Loud हुए सिनेमाई ताक़त का, विचारधारा को impose करने के युग में विचारधार...
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हिंदी कहानी की एक सदी (1915-2015): पाठकीय अपेक्षा एवं पड़ताल

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  कहानी की पाठकीय अपेक्षा का प्रश्न अपनी जातस्थिति में अस्तित्त्वमूलक है ,  क्योंकि कहानी स्वयं पाठकीय अपेक्षा की परिणति है। कहानी लेखक के घ...
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IAS 2011. Currently working as Special Secretary, Finance Department, Govt of Bihar
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